हिमाचल के स्कूलों में विद्यार्थियों की स्कूल छोड़ने की दर अन्य राज्यों की अपेक्षा सबसे कम है। राज्यों में ऐलीमेंटरी एजूकेशन की समीक्षा के लिए गठित टेक्निकल एडवाइजरी कमेटी की रिपोर्ट में यह तथ्य सामने आया है। कम ड्राप आउट की दर में प्रदेश को पहला स्थान मिला है।
साक्षरता दर के मामले में पहले स्थान पर रहने वाले केरल राज्य को भी ड्राप आउट रेट के मामले में दूसरा स्थान मिला है। उत्तराखंड की इस मामले स्थिति बेहतर हुई है और वह तीसरे स्थान पर पहुंच गया है। यूनाइटेड नेशन डवलपमेंट प्रोगाम और प्लानिंग कमीशन के लगभग एक दर्जन विशेषज्ञों के माध्यम से यह रिपोर्ट तैयार की है।
ड्राप आउट रेट की दर देखी जाए तो हिमाचल में प्राइमरी स्तर पर यह 2.05 फीसदी है। शिक्षा विभाग के ताजा सर्वे के अनुसार राज्य के चार जिलों ने ड्राप आउट रेट को शून्य फीसदी लाने का लक्ष्य हासिल कर लिया है। इन जिलों में लाहौल स्पीति, हमीरपुर, बिलासपुर और सोलन जिला शामिल हैं। इन सभी जिलों में पहली से पांचवी कक्षा तक कोई भी छात्र पढ़ाई छोड़ कर नहीं गया है।
पूरे प्रदेश के स्कूलों पर कराए गए सर्वे की रिपोर्ट के अनुसार प्रदेश के स्कूलों में पहली कक्षा में कुल 92,025 बच्चों ने प्रवेश लिया था। इनमें 90,133 ने पांचवी कक्षा तक पढ़ाई पूरी की । इन बच्चों में से केवल 1892 छात्र ही पढ़ाई पूरी नहीं कर पाए।
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हिमाचल के स्कूलों में विद्यार्थियों की स्कूल छोड़ने की दर
Posted by राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय बड़ागाँव शिमला
Posted on शनिवार, जुलाई 04, 2009
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nice
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